अदला – बदली
मीता अपने पॉटरी की वर्कशाप के लिए दोनो बच्चों पति और बड़ी दीदी के साथ जयपुर जा रही थी लेकिन स्टेशन पहुँचने से पहले ही उसकी दीदी का फोन आ गया की वो नही आ पा रहीं हैं , अब एक बर्थ एक्स्ट्रा थी छोटा बेटा तीन साल का था इसलिए उसको मीता अपने साथ ही सुलाना था । दोनो बच्चे चारो बर्थ पर बंदर बन कूद रहे थे साईड वाली बर्थ पर टीटी के साथ दो बच्चे भी बैठे थे , रात का खाना खा कर मीता अपने पति के साथ बिस्तर लगाने लगी तो देखा टीटी ने भी बिस्तर लगाया और अपने दोनो बच्चों को सुला कर खुद भी उसी बर्थ पर लेटने की कोशिश करने लगा…एक बर्थ पर तीन लोग आयें तो आयें कैसे ? उनकी तकलीफ देख मीता ने टीटी से पूछा क्या ट्रेन में और कोई बर्थ नही खाली है क्या टीटी ने दुखी होकर जवाब दिया बोला कोई बर्थ नही खाली है बहुत रश है । मीता ने ये सुन कर बोली मेरे पास एक एक्स्ट्रा बर्थ है आप दोनो बच्चों को उस पर सुला दिजिये ( हँसते हुये बोली ) हाँ लेकिन मैं आपकी तरह उसके पैसे नही लूँगीं आज हमारे काम की अदला – बदली हो गई है… बस आपसे इतनी उम्मीद करती हूँ की कभी किसी बच्चे को जो सीट की जरूरत हुई तो उससे इस तरह की एक्स्ट्रा सीट के पैसे मत लीजियेगा । टीटी हाथ जोड़ खड़ा कुछ बोल नही पा रहा था ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 25/08/2020 )