Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2024 · 1 min read

अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं

अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भंग कर सकती है।
Rj Anand Prajapati

8 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्हीं हो
तुम्हीं हो
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सुबह सुहानी आ रही, खूब खिलेंगे फूल।
सुबह सुहानी आ रही, खूब खिलेंगे फूल।
surenderpal vaidya
हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से
हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से
Vedha Singh
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
वासुदेव
वासुदेव
Bodhisatva kastooriya
शब्द अभिव्यंजना
शब्द अभिव्यंजना
Neelam Sharma
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
life is an echo
life is an echo
पूर्वार्थ
इंसानियत अभी जिंदा है
इंसानियत अभी जिंदा है
Sonam Puneet Dubey
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
हमने ख़ामोशियों को
हमने ख़ामोशियों को
Dr fauzia Naseem shad
मेरी जिंदगी की खुशियां तेरे नाम करूंगा
मेरी जिंदगी की खुशियां तेरे नाम करूंगा
कृष्णकांत गुर्जर
*नर से कम नहीं है नारी*
*नर से कम नहीं है नारी*
Dushyant Kumar
राहें  आसान  नहीं  है।
राहें आसान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुहब्बत भी मिल जाती
मुहब्बत भी मिल जाती
Buddha Prakash
*मौत मिलने को पड़ी है*
*मौत मिलने को पड़ी है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सत्ता - सुख सबको अच्छा लगता है,
सत्ता - सुख सबको अच्छा लगता है,
Ajit Kumar "Karn"
"मयकश बनके"
Dr. Kishan tandon kranti
बदलते दौर में......
बदलते दौर में......
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
दिल बयानी में हर शख्स अकेला नज़र आता है,
दिल बयानी में हर शख्स अकेला नज़र आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
कल तो निर्मम काल है ,
कल तो निर्मम काल है ,
sushil sarna
यूँ तो बिखरे हैं
यूँ तो बिखरे हैं
हिमांशु Kulshrestha
विनती
विनती
Dr. Upasana Pandey
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
3141.*पूर्णिका*
3141.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
Harminder Kaur
Loading...