अति सुन्दर है।
अति सुन्दर है
उसकी कृति
जो उसने चुपके से
तेरी बनाई थी…
ज्ञात ना हो जाये कहीं
सबको, इसलिए सबसे
उसने छुपाई थी…
तेरी प्रीत सजाकर
उसने जीवन मे
अपनी मुश्किले बढ़ाई थी…
किसी को भी ज्ञात नही
क्यों आकर्षित थी
वह तेरी ओर…
तुझसे प्रेम करके
उसने अपनो की दृष्टि में
क्रोध की अग्नि
जलाई थी…
ताज मोहम्मद
लखजऊ