अति व्यंजना
डा ० अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक– अरुण अतृप्त
सहित्यकार की असली पहचान उसकी मुखरता से है
अर्थात अन्य सदस्यों व भाईयो बहनों को
उनकी रचनाओं के लिये प्रेरित उत्साहित
करते रहना तदनंतर उसकी स्वयम् की रचनाओं की प्रशंसा तो स्वयंसिद्ध है ही
कहो तो लिख के दे दूँ ??