मैं इंसान हूँ, बन्दर नहीं!
मुझसा ही रहने दो
मुझे, औरों सा
न बनाओ!
दुनियाँ की भेड़चाल में
मुझे अंधों-सा न दौड़ाओ।
नकल करना,
मेरी फ़ितरत नहीं,
मैं इंसान हूँ,
कोई बन्दर नहीं।
✍️अटल©
मुझसा ही रहने दो
मुझे, औरों सा
न बनाओ!
दुनियाँ की भेड़चाल में
मुझे अंधों-सा न दौड़ाओ।
नकल करना,
मेरी फ़ितरत नहीं,
मैं इंसान हूँ,
कोई बन्दर नहीं।
✍️अटल©