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21 Jul 2021 · 2 min read

” अटपटी लिपियाँ….. अटपटा कमेंट “

” अटपटी लिपियाँ….. अटपटा कमेंट ”
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”

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नये युग में नवीन यंत्रों के आविष्कारों ने हमें कुशल धनुर्धर बना दिया ! पुरानी विधाएँ पुरानी हो गयीं ! अब हम नये उपकरणों से आकाश की बुलंदिओं को छूने लगे ! इंटरनेट और गूगल ने हमारी काया पलट दी !

गया वह जमाना जब हम पत्र लिखा करते थे ! हमें यह याद है हम एस टी डी बूथ के आगे कतारों में खड़े होते थे ! गाँव में किसी के पास टेलीफोन यदि होता था तो उन्हें प्रणम्य देवता कहा जाता था ! अब तो हरेक बच्चे इस रणभूमि के अभिमन्यु हैं ! इन ब्रम्हास्त्रों के संचालन की विधियाँ इनके लिए सहज हैं ! युवाओं को हम धनुर्धर अर्जुन कहना कोई अतिशियोक्ति नहीं होगी ! उन्हें द्रोणाचार्य के आशीषों ने कायाकल्प कर दिया ! वे भी प्रशिक्षित हो गये !

पर बुजुर्गों की चाहतों ने भी करवटें ली और एकलव्य बनने की लालसा जग उठीं ! सही में किसी ने कहा है –” The child is a father of man ” कभी हमने उन्हें पढ़ाया अब वे हमारे गुरु बन गए ! अब जब इस रणभूमि के रण बाँकुड़े बन गए तो हरेक अस्त्र -शस्त्र को चलाने की क्षमता होनी चाहिए !

किसी ने हिंदी में लेख ,कविता ,कथा ,समालोचना और व्यंग लिखा ! उनकी टीका टिप्पणियाँ कुछ अटपटी लिपिओं में लिखकर साहित्य और लेखक के ह्रदय में मर्मभेदी बाण छोड़ देते हैं ! रोमन लिपि में हिंदी लिखीं गयीं बातें लिखने बाले ही स्पष्ट पढ़ सकते हैं ! अधिकांशतः लोग उसे नजर अंदाज कर देते हैं ! हिंदी लिखें तो देवनागरी में ,मैथिली लिखें तो देवनागरी लिपि या तिरहुता लिपि में ,बांग्ला लिखते हैं तो बांग्ला लिपि में ही ! रोमन लिपि का प्रयोग अंग्रेजी में ही करें ! अन्यथा हमें निपुण सैनिक की संज्ञा कभी भी नहीं दी जाएगी !

अधिकांशतः ऐसे भी लोग हैं जिनके पास अस्त्र -शस्त्र की कोई कमी नहीं है ! फिरभी ब्रम्हास्त्रों के विस्फोटक आवाजों को छुपाये रखते हैं और अपने फुसकी बम का प्रयोग करते हैं ! फुसकी बम से हमारा अभिप्राय ” अटपटा कमेंट ” से है ! हमने कोई समसामयिक विषयों पर लेख ,कविता ,विचार इत्यादि लिखा और बहुत से लोगों नेअटपटा कमेंट को अपने सिर पर मुकुट बना रखा है !……” जय हो “…..” जय माता दी “…..इत्यादि ! ये सारे उत्कृष्ट नारे हैं ! इन ब्रम्हास्त्रों का उपयोग उचित स्थान पर होना चाहिए ! कमेंटों में भला इसका क्या काम ? इन छोटी -छोटी बातों पर हमें सचेत रहना चाहिए क्योंकि हमें सफल और सुदृढ़ योध्या बनना है !

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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत

Language: Hindi
Tag: लेख
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