#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
कलिकाल में हे राम कृपा
करो दया निधान।
भक्तों की भक्ति पे जग
हंसाई न हो भगवान।।
करुणानिधि कल्याण
करो करुणा के सागर,
मोसम कुबुद्धि को बुद्धि
दे रखिईयो ध्यान।।
तेरे दर ओरछा में आ
जाये गर दीन-दुखी,
उनकी फरियाद राम
सुनियो कृपा निधान।।
मुझको कुमार्ग से सुमार्ग
पे ले चलियो राम,
अविचल भक्ति मुझे
करता रहूं सदा भजन।।
राम राम हर स्वांस रटता
रहे मेरा अंर्तमन,
गुरुवर गणेश राम अज्ञानी
को तनिक दीजै ज्ञान।।
स्वरचित एवं मौलिक
#जूनियर_झनक_कैलाश_अज्ञानी_झांसी_बुन्देलखण्ड