अजीब शख्स था…
अजीब शख्स था…
दिल से निकला ही नहीं कभी
ना कभी पास ही रहा,
ना दूर ही जा पाया कभी
खबर थी शायद उसे
कोई ख्वाहिश नहीं
मेरी उसके सिवा,
इसी लिए,
वो इस क़दर मगरूर रहा !
हिमांशु Kulshreshtha
अजीब शख्स था…
दिल से निकला ही नहीं कभी
ना कभी पास ही रहा,
ना दूर ही जा पाया कभी
खबर थी शायद उसे
कोई ख्वाहिश नहीं
मेरी उसके सिवा,
इसी लिए,
वो इस क़दर मगरूर रहा !
हिमांशु Kulshreshtha