अजनबी बॉस ।
कुछ दिन पहले की बात है । मेरे एक परिचित मेरे बॉस बनकर आए। शायद मुझसे अधिक खुशी किसी और हुई हो। मैं अपने सहकर्मियों के साथ उनके स्वागत एवम ट्रांसफर हुए बॉस की विदाई पार्टी के लिए जा रहा था।अचानक बॉस मेरे एक सहकर्मी की कार में नजर आए,मैंने अति उत्साह में सहकर्मी को फोन किया उन्होंने भी कार रोक कर मुझे अपनी कार में बिठाया। मैंने बॉस को सलाम ठोका, बॉस ने हल्का सा सिर हिलाया और मेरी तरफ ऐसे मुंह फेर के बैठे जैसे मैं उनकी अति उपेक्षित वस्तु में शुमार हूं ,जो जबरन उनके गले पड़ गई हो।अगले स्टेशन पर ड्राईवर सरकारी गाड़ी लेकर खड़ा था। गाड़ी देखते ही बॉस कार से उतरे और दनदनाते हुए अपनी गाड़ी में ऐसे बैठे मानो किसी मुसीबत से पिंड छूट गया हो।।
मैं भौंचक्का सोच रहा था,शायद बॉस बनने के बाद चिर परिचित व्यक्ति भी अजनबी बन जाता है। अजनबी और केवल अजनबी, अजनबी बॉस ।।