अच्छा हुआ
चलो वक़्त रहते ही तुम्हें
हम जान गए,
अच्छा हुआ
तुम्हारे बारे में सबकुछ
पहचान गए,
अच्छा हुआ…
(१)
हम जिनके चलते
शाम-ओ-सहर
भटके फिरते थे
इधर-उधर
वो चढ़ती हुई जवानी के
अरमान गए,
अच्छा हुआ…
(२)
हो जाती अगर
कुछ और देरी,
निगल ही लेती
हमें रात अंधेरी
बेड़ा ग़र्क़ होने से पहले
तूफ़ान गए,
अच्छा हुआ….
(३)
सारी तस्वीरें
बहा दी तूने
सारी चिट्ठियां
जला दी तूने
हमारे दिल की बर्बादी के
वे निशान गए
अच्छा हुआ…
(४)
एक तुम्हारी
आंखों के सिवा
हमें कुछ और
दिखता ही न था
वो नींद और ख़ुमारी के
सामान गए,
अच्छा हुआ…
(५)
देश-दुनिया से
मुंह मोड़के
कब तक आख़िर
मुंतजिर रहते
हमसे मिलने आने वाले
मेहमान गए
अच्छा हुआ…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
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#heartbroken #breakup