जन्नत की हूर – डी के निवातिया
अच्छा नहीं होता
***
हुस्न पर शबाब का सुरूर अच्छा नहीं होता,
खूबसूरती पर करना गुरुर अच्छा नहीं होता,
पानी के बुलबुले की तरह होती है ये जिंदगी,
समझना खुद जन्नत की हूर अच्छा नहीं होता !!
!
डी के निवातिया
अच्छा नहीं होता
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हुस्न पर शबाब का सुरूर अच्छा नहीं होता,
खूबसूरती पर करना गुरुर अच्छा नहीं होता,
पानी के बुलबुले की तरह होती है ये जिंदगी,
समझना खुद जन्नत की हूर अच्छा नहीं होता !!
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डी के निवातिया