*अग्रोहा की यश-कथा (कुंडलिया)*
अग्रोहा की यश-कथा (कुंडलिया)
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अग्रोहा की यश – कथा ,एक राष्ट्र जन एक
अग्रसेन भगवान की , रचना सुंदर नेक
रचना सुंदर नेक , अठारह गोत्र रचाए
शुभ – विवाह अभिराम ,गोत्र से इतर कराए
कहते रवि कविराय , मानते थे सब लोहा
नहीं लोक में तीन , राज्य जैसा अग्रोहा
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451