#अग्रिम_शुभकामनाएँ
#संदेश
■ जीवन परीक्षा है, परीक्षा जीवन नहीं।
★ परीक्षार्थियों के नाम संदेश
【प्रणय प्रभात】
प्रिय विद्यार्थियोँ!
परीक्षा के अंक आपकी एक वर्ष की मेहनत के परिचायक भर हो सकते हैं। आपकी समग्र योग्यता व सम्पूर्ण दक्षता के प्रतीक नहीं। दो-चार अंक या एकाध प्रतिशत कम-ज़्यादा होने से उद्वेलित न हों। सफलता को उत्सवी बनाएं और असफलता को मात्र एक सीख। अगली बार और बेहतर करने का अवसर। किसी मित्र या सहपाठी से अपने अंकों की तुलना का कोई अर्थ नहीं। न भूलें कि आगे की राह अंकसूची नहीं आपकी मूल प्रतिभा तय करेगी।
अभिभावक और गुरुजन बच्चों के अवसाद का कारण बनने से बचें। उन्हें हर स्थिति में अपना नैतिक समर्थन दें। स्मरण रहे कि मूल्यांकन या सारणीकरण में मानवीय चूक प्रायः होती है। जिसे सुधरवाया जा सकता है। हौसला रखें परिणाम को सहर्ष सहज-सरल भाव से स्वीकारने का। इति शुभम।।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●