अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा तो मान लेना मुझसे ज़्यादा बेअदब कोई नहीं —महावीर उत्तरांचली