अगर मैं तमाचा जड़ दूं किसी के अहम पर तो हंगामा ही तो होगा।।
अगर मैं तमाचा जड़ दूं किसी के अहम पर तो हंगामा ही तो होगा।।
होने दो, जहां हजार इलज़ाम लगे हैं वहां एक और सही।।
अगर मैं तमाचा जड़ दूं किसी के अहम पर तो हंगामा ही तो होगा।।
होने दो, जहां हजार इलज़ाम लगे हैं वहां एक और सही।।