अगर ढूँढू ख़ुशी तो दर्द का सामान मिलता है
अगर ढूँढू ख़ुशी तो दर्द का सामान मिलता है
नफ़ा मिलता नहीं कुछ भी फ़क़त नुकसान मिलता है
मैं अपने शहर की पड़ताल करने जब निकलता हूँ
मुझे तो हर जगह सोता हुआ दरबान मिलता है
जहाँ भी कूच की मैंने मुझे लाशें मिली ज़िंदा
कभी बस भूल से ही तो मुझे इंसान मिलता है
किसी से राज़ भी अपने कहो किस तरह से बोलूँ
हर इक दीवार पे चिपका हुआ इक कान मिलता है
न पूछो हाल मुफ़्लिस का ख़ुशी कमतर ही मिलती है
हवा मिलती नहीं इनको इन्हें तूफ़ान मिलता है
जॉनी अहमद क़ैस