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5 Dec 2022 · 1 min read

“अखने त आहाँ मित्र बनलहूँ “

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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आहाँ क फेसबूक मे ताला लागल छल ! तथापि आहाँक अनुरोध हम स्वीकार केलहूँ ! अपन मित्रक सूची मे आहाँ केँ शामिल केलहूँ ! तखन आहाँक दिव्य रूप क दर्शन भेल ! परंच आहाँक दर्शन सँ हमर आत्मा भटक’ लागल ! जिज्ञासा बढि गेल ! आहाँक प्रोफाइल खोललहूँ !
“कतय सँ अपने अध्ययन केलहूँ ?”
“की करैत छी ?”
“कतय वर्तमान मे रहैत छी ?”
“कोन गामक वासी छी ?”
“आहाँ के विवाह कहिया आ किनका सँ भेल ?”
“अपन कार्यों क ब्योरा दिय !”
“आहाँ अध्ययन कतय केलहूँ ?”
“पारिवारिक ब्योरा !”
“आहाँक अपन विचार इत्यादि -इत्यादि !”
मुदा आहाँ फेसबूक पेज केँ ध्यानपूर्वक नहि अवलोकन केलहूँ आ नहि आहाँ प्रयास केलहूँ ! मैसेंजर पर आहाँ कोनो संवादो नहि केलहूँ आ चलि पड़लहूँ हमरा कोनो ना कोनो ग्रुप सँ जोड़क लेल ! एक बेर डिलीट केलहूँ , पुनः दोसर अनुरोध ,फेर तेसर अनुरोध आ अनुरोध पर अनुरोध एनाय प्रारंभ भ गेल ! प्राण बूझू अवग्रह मे पड़ि गेल !
पहिने त इ बुझबाक चाहि जे आगू वाला लोक इच्छुक छथि कि नहि ? दू शब्द त हमरा प्रेम सँ लिखि नहि सकैत छथि आ चलि पड़लाह लोक केँ परेशान कर’ ला ? कियो किछु कहय इ मित्रता क मखोल थीक ! आहाँ केँ मन मे कचोट नहि हुये ,हम आहाँकेँ अपन मित्र सूची सँ तत्काल निकालि रहल छी !
धन्यवाद !
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
05.12.2022

Language: Maithili
149 Views

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