अक्सर ये ख्याल सताता है
अक्सर ये ख्याल सताता है
तू मेरे ख्वाबों में क्यों आता है
रिश्ता मुकम्मल ना हो सका तब
तू फिर फिर उम्मीदें क्यों जगाता है
चित्रा बिष्ट
अक्सर ये ख्याल सताता है
तू मेरे ख्वाबों में क्यों आता है
रिश्ता मुकम्मल ना हो सका तब
तू फिर फिर उम्मीदें क्यों जगाता है
चित्रा बिष्ट