Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2018 · 10 min read

अक्टूबर है ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस महिना

अक्टूबर है ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस महिना इस विषय पर अपने कुछ विचार &;स्तन कैंसर महिलाओं में कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है। संयुक्त राज्य अमेरिका में आज पैदा हुई 8 में से 1 महिलाओं को किसी भी समय स्तन कैंसर मिलेगा।अच्छी खबर यह है कि ज्यादातर महिलाएं स्तन कैंसर से बच सकती हैं अगर यह पाया जाता है और जल्दी इलाज किया जाता है। एक मैमोग्राम – स्तन कैंसर के लिए स्क्रीनिंग परीक्षण – इलाज के लिए आसान होने पर स्तन कैंसर को जल्दी से ढूंढने में मदद कर सकता है।राष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह स्तन कैंसर का पता लगाने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक मौका है। कुछ अलग करो! मैमोग्राम के बारे में शब्द फैलाएं, और समुदायों, संगठनों, परिवारों और व्यक्तियों को शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।राष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह कैसे अंतर कर सकता है?हम इस अवसर का उपयोग स्तन कैंसर के शुरुआती दिनों में महिलाओं के कदमों के बारे में शब्द फैलाने के लिए कर सकते हैं।यहां कुछ विचार दिए गए हैं:स्तन कैंसर के लिए स्क्रीनिंग के महत्व के बारे में महिलाओं से बात करने के लिए डॉक्टरों और नर्सों से पूछें।मैमोग्राम प्राप्त करने के बारे में अपने डॉक्टरों से बात करने के लिए 40 से 49 वर्ष की महिलाओं को प्रोत्साहित करें।प्रत्येक समुदाय में मैमोग्राम प्राप्त करने के बारे में 50 से 74 वर्ष की आयु के महिलाओं से बात करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करें।मैं शब्द को फैलाने में कैसे मदद कर सकता हूं?हमने स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने में आपकी मदद करना आसान बना दिया है। यह टूलकिट आज आपको कार्रवाई करने में मदद के लिए विचारों से भरा है।स्तन कैंसर जागरूकता महीना, जिसे अमेरिका में राष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में भी जाना जाता है, बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके कारण, रोकथाम, निदान में अनुसंधान के लिए धन जुटाने के लिए हर अक्टूबर में प्रमुख स्तन कैंसर दान द्वारा आयोजित एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान है। BreastCancer: इन 5 आदतों से रहेंगी दूर, तो छू नहीं पाएगी ये बीमारीपूरी दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर का शिकार होने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है और इस बीमारी से भारतीय महिलाएं भी अछूती नहीं हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार भारत के दिल्ली, मुंबई और बैंगलुरू जैसे शहरों में ब्रेस्ट कैंसर का शिकार होने वाली महिलाओं की संख्या में 1982 से 2005 के बीच लगभग दोगुनी हो गई है। वहीं, अनुमान यह है कि 2020 तक भारत की महिलाओं को सबसे ज्यादा शिकार बनाने वाले कैंसर में सर्वाइकल कैंसर की जगह ब्रेस्ट कैंसर ले लेगा।राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट, दिल्ली में प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी की प्रमुख डॉ. रजनी मुटनेजा के अनुसार, ;लगभग 50 प्रतिशत पेशेंट डॉक्टर के पास इलाज के लिए कैंसर के अंतिम स्टेज पर जाते हैं। इस स्थिति में इस बीमारी से पेशेंट को बचा पाना मुश्किल होता है।यानी ब्रेस्ट कैंसर से बचने का एकमात्र उपाय है, इस बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाना। अगर इस बीमारी और इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होगी तो लक्षण नजर आते ही इसका इलाज शुरू करवाना भी संभव हो सकेगा।डॉक्टर्स की राय है कि इस बीमारी का सामना करने के लिए सेल्फ चेकअप और 30 साल की उम्र के बाद एक नियमित अंतराल पर मैमोग्राफी टेस्ट करवाना जरूरी है। लाइफस्टाइल से जुड़े कुछ बदलाव ब्रेस्ट कैंसर से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं।2/2इन पांच आदतों से रहें दूरइन पांच आदतों से रहें दूरवजन न बढ़ाएं30-35 साल की आयु के बाद अचानक वजन में वृद्धि के कारण ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है। कई मामलों में ज्यादा वजन मेनोपॉज के बाद ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन जाता है। इसलिए अपने वजन को नियंत्रण में रखें, फिर चाहे आप 35 साल की हों या फिर 65 की।Alert:भारत में 1 लाख महिलाओं में से 32 होती हैं ब्रेस्ट कैंसर का शिकारअल्कोहल और स्मोकिंग से दूर रहेंयह बात प्रमाणित हो चुकी है कि शराब का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख कारकों में से एक है। हारवर्ड नर्सेस हेल्थ स्टडी के मुताबिक दिन भर में किसी भी रूप में एक बार से ज्यादा अल्कोहल के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। रोज व्यायाम और मेडिटेशन करेंकई शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि नियमित व्यायाम ब्रेस्ट कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। सप्ताह में कम-से-कम पांच दिन आधा घंटा या उससे ज्यादा वक्त तक व्यायाम करें।ओमेगा थ्री से करें दोस्तीआप कैसा खाना खाती हैं, इस पर भी ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क आधारित है। ओमेगा-6 प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे सूरजमुखी का तेल और भुट्टा आदि कम खाएं और ओमेगा-3 प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे मछली, ऑलिव ऑयल और अखरोट आदि का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।सालाना एक बार जरूर मेमोग्राम करा लें, मतलब कैंसर की जांचसाल में एक बार जरूर से अपने परिवार के सभी लोगों की ब्रेस्ट की जांच करा लें। अगर आपको थोड़ा भी संदेह होता है या हल्की सी भी गांठ नजर आती है तो तुरंत इसकी जांच कराना आवश्यक है । Alert:भारत में 1 लाख महिलाओं में से 32 होती हैं ब्रेस्ट कैंसर का शिकारBreastCancerMonth:जब बच्चे ने छोड़ा दूध पीना,तब तक नहीं आया समझ कि…#BreastCancerMonth:जब बच्चे ने छोड़ा दूध पीना,तब तक नहीं आया समझ कि…हमारे देश में स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी के रूप उबरकर आ रही है। पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर अवेरनस मंथ के तौर पर नमनाया जाता है। एक सर्वे के अनुसार 2015 में एक लाख 50 हजार स्तन कैंसर के नए केस सामने आये थे। जिसमें से 76 हजार महिलाएं उस समय डॉक्टर के पास पहुंची, जब उनकी स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी और उन्हें बचाना बहुत ही मुश्किल था।इंडियन इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड एवोल्यूशन के एक सर्वे के अनुसार भारत में 2013 में 47,587 महिलाओं की मौत सिर्फ स्तन कैंसर से हुई थी और हर साल इसके प्रतिशत में वृद्धि हो रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इन दिनों महिलाओं के बीच कैंसर में सबसे ज्यादा स्तन कैंसर के केस ही देखने को मिलते हैं। लगभग 36 से 38 प्रतिशत केस स्तन कैंसर के ही होते हैं। ज्यादातर ब्रेस्ट कैंसर के केस में देखा जाता है कि उसका पता तब चलता है जब स्थिति काफी बिगड़ जाती है। इसका सही समय पर पता चलना बहुत जरूरी है। आप खुद से भी इसके लक्षण की जांच कर सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर से बचने का सबसे पहला स्टेप होता है कि इसकी जांच। कैंसर मरीजों का दर्द-उनकी आपबीतीबैंगलुरु की नवनीत पुस्पराज रेड्डी को पता ही नहीं चला जब उनके बच्चे ने उनका दूध पीना ही बंद कर दिया,एक महीने में उन्होंने पांच गाईनी डॉक्टरों को दिखाया लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आया। 6 महीने तक डॉक्टर मुझे यही कहते रहे कि शायद मेरा दूध सूख गया है, मुझे हिटिंग पैड का इस्तेमाल करना चाहिए इससे दूध को बाहर आने में मदद मिलेगी।डॉक्टरों ने बाइप्सी के लिए एक छोटा सा मांस का टुकड़ा निकाला और पता चला कि रेड्डी को कैंसर है और कैंसर की चौथी स्टेज है। गांठ इतनी बड़ी हो गई थी कोई और रास्ता ही नहीं था। रेड्डी की तरह मुंबई की भी एक महिला थी जिन्हें बहुत दिनों बाद अपने ब्रेस्ट में एक गांठ नजर आई, दर्द हुआ और यहां तक वो अपने बच्चे को भी गोद में नहीं ले पाती थी। मुझे बहुत डर लग रहा था जब मुझे कैंसर विशेषज्ञ के पास भेजा गया, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री है तो आपको 20 साल की उम्र में एक बार जांच करा लेनी चाहिए। 40 की उम्र में एक मेमोग्राम कर लेना चाहिए। 60 फीसदी महिलाओं को एडवांस स्टेज पर कैंसर का पता चलता हैसर्वे में आया सामने आया है कि 60 फीसदी से ज्यादा मरीजों को एडवांस स्टेज पर ही कैंसर का पता चल पाता है। इटली में 40 मिमि के ट्यूमर को पकड़ लिया जाता है लेकिन भारत में 40 सेमि की गांठ को कैंसर के तौर पर डिटेक्ट किया जाता है। हर साल भारत में 1.5 लाख कैंसर के नए मामले सामने आ रहे हैं, एक लाख महिलाओं में से 32 महिलाए रोजाना ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही हैं। 2/2खुद ही करें कैंसर की जांच, कहीं देर न हो जाएखुद ही करें कैंसर की जांच, कहीं देर न हो जाएसर्वे में आया सामने आया है कि 60 फीसदी से ज्यादा मरीजों को एडवांस स्टेज पर ही कैंसर का पता चल पाता है। इटली में 40 मिमि के ट्यूमर को पकड़ लिया जाता है लेकिन भारत में 40 सेमि की गांठ को कैंसर के तौर पर डिटेक्ट किया जाता है। हर साल भारत में 1.5 लाख कैंसर के नए मामले सामने आ रहे हैं, एक लाख महिलाओं में से 32 महिलाए रोजाना ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही हैं। कैंसर के लक्षण-स्तन में सूजन, गांठ या किसी भी तरह का कोई परिवर्तन, स्तन के आकार में परिवर्तन, स्तन से डिस्चार्ज होना, स्तन की त्वचा का रंग हल्का गुलाबी होना, स्तन में किसी भी तरह का कोई फुंसी या चकता, स्तन का तापमान बढ़ना, उसमें दर्द महसूस होना ये सभी स्तन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।ऐसे करें खुद की जांचस्तन कैंसर से बचाव के लिए समय-समय पर इसकी जाँच बहुत जरूरी है। यह जाँच आप खुद घर पर भी कर सकते हैं और डॉक्टर के पास जाकर भी करवा सकते हैं।अपने मासिक के चौथे या पांचवें दिन खुद को स्क्रीन कर सकते हैं। आप अपने स्तन के चारों तरफ छू कर देखें कि कहीं कोई गाँठ या कोई परिवर्तन तो नहीं हो रहा। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।इसके अलावा हर तीन या चार सालों में डॉक्टर के पास जाकर इसकी जाँच जरूर करवाएं।बदलती जिंदगी स्तन कैंसर एक बड़ा कारणडॉक्टर्स की मानें तो बढ़ते स्तन कैंसर का एक बड़ा कारण आज की आधुनिक जीवनशैली है। देरी से शादी होना और बच्चों को फीडिंग ना कराना स्तन कैंसर का एक बड़ा कारण होता है। वैज्ञानिक आधार पर 30 तक माँ बनने और बच्चे को फीडिंग कराने से स्तन कैंसर को रोका जा सकता है।डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं अपनाएं घरेलू नुस्खें-कई बार हमारे परिचित हमें बिमारियों से बचाव के नए नए घरेलू उपाय बताते हैं, मगर आप स्तन कैंसर से सम्बंधित किसी सलाह को डॉक्टर से पूछे बिना कभी ना अपनाएं।2. अगर किसी महिला को बच्चा होने के बाद सही से दूध नहीं आ रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें क्योंकि सही से फीडिंग ना होने पर मां को आगे चलकर कैंसर का खतरा बना रहता है । आपको यह जानकारी भी शेयर करना चाहूंगी कि पुरुष वर्ग में भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है परन्तु इसका अनुपात कम है, जिसकी संक्षिप्त जानकारी निम्नानुसार दी जा रही है ।

डिजीज एंड कंडीशन्‍स ;महिलाओं को ही नहीं पुरुषों को भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट कैंसर के बारे में अक्सर माना जाता है कि यह सिर्फ महिलाओं को होता है। लेकिन कुछ दुर्लभ स्थितियों में युवा पुरूषों को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है ।ब्रेस्ट कैंसर के बारे में अक्सर माना जाता है कि यह सिर्फ महिलाओं को होता है। हालांकि बिना किसी वंशानुगत कारणों के भी कुछ दुर्लभ स्थितियों में युवा पुरूषों को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। यह कहना था गायनोकोलॉजिस्ट, डॉ. रागिनी कानोड़िया का। वे आज सांगानेर स्थित सुबोध गर्ल्स कॉलेज में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस एंड सेल्फ एग्जामिनेशन विषय पर आयोजित आउटरीच प्रोग्राम को सम्बोधित कर रही थीं। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के एमबीए पीएम प्रोग्राम के स्टूडेंस द्वारा आयोजित इस प्रोग्राम में लगभग 100 गर्ल्स स्टूडेंटस ने भाग लिया।डॉ. कानोड़िया ने आगे कहा कि ब्रेस्ट कैंसर दुनिया में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है और यह कैंसर का दूसरा सबसे आम स्वरूप है। सुस्त जीवनशैली एवं शराब के अधिक सेवन करने वाली लड़कियों में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावनाएं अधिक होती है। हालांकि गायनोकोलॉजिस्ट के मार्गदर्शन में रूटीन सेल्फ एग्जामिनेशन, मैमोग्राम्स एवं रेगुलर चैकअप के जरिए इस बीमारी का प्राथमिक स्तर पर निदान जा सकता है।भारत की मौजूदा चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता की कमी होने से इसके पीड़ितों की बढ़ती संख्या देश के लिए बड़ी चुनौती है।इसके पश्चात डॉ. कानोड़िया द्वारा ;हाउ टू कंडक्ट ए सेल्फ एग्जामिनेशन टू डिटेक्ट ब्रेस्ट कैंसर इन इट्स अर्ली स्टेजेज विषय पर इंटरेक्टिव सैशन आयोजित किया गया। इसमें स्टूडेंट्स को एक नए प्रोडक्ट मेमोफील के बारे में बताया गया, जो ब्रेस्ट के सेल्फ एग्जामिनेशन के विशेष ग्लव्ज हैं। ये ब्रेस्ट कैंसर की शुरूआती पहचान करने और ब्रेस्ट्स में किसी भी प्रकार के अंतर को पहचानने में मददगार होते हैं।इन दौरान डॉ. कानोड़िया ने स्टूडेंट्स द्वारा स्वास्थ्य से सम्बंधित पूछे गए कई सवालों के जवाब भी दिए। इससे पूर्व आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. संदीप नरुला ने स्टूडेंट्स का स्वागत किया और सैशन के विषय के बारे में जानकारी दी।उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस कैम्प सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी कॉलेज और इंदौर के बीएसएनएल कार्यालय में भी आयोजित किए जा चुके हैं। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स द्वारा महिलाओं को जागरूक करने हेतु आगामी दिनों में अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार के प्रोग्राम आयोजित करने की योजना है ।ब्रेस्ट कैंसर की जागरूकता के लिए है पिंक रिबन ब्रा…अक्टूबर महीने को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता महीने के रूप में सेलिब्रेट किया जा रहा है और इस मौके पर कई लाइफस्टाइल ब्रांड्स इस अभियान को कुछ इस तरह सपोर्ट कर रहे हैं… ब्रेस्ट कैंसर की जागरूकता के लिए है पिंक रिबन ब्रा… भारत में भी बढ़ रहे हैं बेस्ट कैंसर के मामलेअक्टूबर महीने को ब्रेस्ट कैंसर मंथ के रूप में मनाया जाता हैं. इसीलिए ब्रेस्ट कैंसर के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने के लिए पिंक रिबन स्पोर्ट्स ब्रा जैसे अनोखे कैंपेन चलाए जा रहे हैं.देश में हर साल ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ रहा है हमारे देश में हर साल करीब 70 हजार महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से मर जाती हैं. समाज की सोच अभी भी दकियानूसी और रूढ़िवादी हैं और इसीलिए इस कैंसर के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.पिंक रिबन स्पोर्ट्स ब्रा कैंपेन इस कैंपेन का मकसद महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति शिक्षित करना हैं, ताकी महिलाएं इस कैंसर को लेकर शर्म छोड़ सकें. चीयर्स टू लाइफ फाउंडेशन (CTLF) ने इस स्पेशल पिंक रिबन स्पोर्ट्स ब्रा को अवेयरनेस के लिए डिजाइन किया हैं. इन ब्रा की बिक्री से जो भी पैसा आएगा उसे ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं के इलाज में लिए खर्च किया जाएगा.ऑनलाइन मिलेंगी पिंक रिबन स्पोर्ट्स ब्रा भारतीय महिलाओं में हर आठवीं महिला ब्रेस्ट कैंसर के खतरे का शिकार हो सकती है. ऐसे में CTLF की पहल करने वाली डिंपल बाजवा जो कि खुद एक ब्रेस्ट कैंसर सरवाइवर हैं. इनका मकसद महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरुक करना है ताकी इस बीमारी को जड़ से मिटाया जा सके. डिंपल पिंक रिबन स्पोर्ट्स ब्रा की बिक्री के लिए अलग-अलग ऑनलाइन साइट्स से बात कर रही हैं. साइट्स के लिए ब्रा की ऑनलाइन सेल और कैंपेन को प्रमोट करने की तैयारी पूरी हो गई है.
अंत में इस समूह को आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने इतना सुंदर मंच प्रदान किया ताकि हम अपने विचार प्रस्तुत कर सकें एवं साथ ही मेरे समस्त पाठकों को भी धन्यवाद देती हूं जिनके द्वारा प्राप्त प्रोत्साहन के कारण ही मैं यह लेख लिखने में सफल हो पाई ।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
“किताबों से भरी अलमारी”
“किताबों से भरी अलमारी”
Neeraj kumar Soni
कभी कभी
कभी कभी
Sûrëkhâ
नारी भाव
नारी भाव
Dr. Vaishali Verma
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
अगर अयोध्या जैसे
अगर अयोध्या जैसे
*प्रणय*
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
पिता
पिता
Shashi Mahajan
********* बुद्धि  शुद्धि  के दोहे *********
********* बुद्धि शुद्धि के दोहे *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"इन्द्रधनुष"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Srishty Bansal
*How to handle Life*
*How to handle Life*
Poonam Matia
भाग्य
भाग्य
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
आसमान का टुकड़ा भी
आसमान का टुकड़ा भी
Chitra Bisht
*फहराओ घर-घर भारत में, आज तिरंगा प्यारा (गीत)*
*फहराओ घर-घर भारत में, आज तिरंगा प्यारा (गीत)*
Ravi Prakash
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
Ravikesh Jha
4243.💐 *पूर्णिका* 💐
4243.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लोग आपके प्रसंसक है ये आपकी योग्यता है
लोग आपके प्रसंसक है ये आपकी योग्यता है
Ranjeet kumar patre
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
डॉक्टर रागिनी
यादों के संसार की,
यादों के संसार की,
sushil sarna
" न जाने क्या है जीवन में "
Chunnu Lal Gupta
Acrostic Poem- Human Values
Acrostic Poem- Human Values
jayanth kaweeshwar
खुदा तू भी
खुदा तू भी
Dr. Rajeev Jain
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
Dr Archana Gupta
जिंदगी में मजाक करिए लेकिन जिंदगी के साथ मजाक मत कीजिए।
जिंदगी में मजाक करिए लेकिन जिंदगी के साथ मजाक मत कीजिए।
Rj Anand Prajapati
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
Manisha Manjari
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
पूर्वार्थ
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
“मधुरबोल”
“मधुरबोल”
DrLakshman Jha Parimal
Loading...