Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

अक्टूबर की बारिश

अक्टूबर की बारिश
किसी को हरसाती है क्या..?
जानते हो…
इसी बारिश की सावन महीने मे
कितनी प्रतीक्षा थी…
किन्तु, अब
यह परेशानी का सबब है।
अब सुनो तुम….
तुम्हारे आगमन की ईप्सा
उचाट हो ख़ गयी है कहीं
अब यह आना
अक्टूबर की बरसात जैसा है
और बेमौसम बरसात से
चित्त उद्दीप्त नहीं,
खिन्न होता है।

71 Views

You may also like these posts

मैं बसंत
मैं बसंत
Meenakshi Bhatnagar
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
SPK Sachin Lodhi
शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक)
शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक)
उमा झा
** लगाव नहीं लगाना सखी **
** लगाव नहीं लगाना सखी **
Koमल कुmari
लाख़ क़ाबिल है तू इल्मो फन में
लाख़ क़ाबिल है तू इल्मो फन में
Dr fauzia Naseem shad
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
shabina. Naaz
मैं चंचल हूँ मेघों के पार से आया करता हूँ ।
मैं चंचल हूँ मेघों के पार से आया करता हूँ ।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
Neelam Sharma
मैं पापा की परछाई हूं
मैं पापा की परछाई हूं
ज्योति
" राजनीति"
Shakuntla Agarwal
किस पर करूं यकीन ...
किस पर करूं यकीन ...
Sunil Suman
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
Praveen Bhardwaj
फूल खिले हैं डाली-डाली,
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
Bidyadhar Mantry
करवा चौथ
करवा चौथ
इंजी. संजय श्रीवास्तव
श्री गणेश वंदना
श्री गणेश वंदना
Kumud Srivastava
ढाई अक्षर वालों ने
ढाई अक्षर वालों ने
Dr. Kishan tandon kranti
18. *तजुर्बा*
18. *तजुर्बा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
आईने में ...
आईने में ...
Manju Singh
''दाएं-बाएं बैसाखी की पड़ते ही दरकार।
''दाएं-बाएं बैसाखी की पड़ते ही दरकार।
*प्रणय*
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
बलमू तऽ भइलें जुआरी
बलमू तऽ भइलें जुआरी
आकाश महेशपुरी
रुकना नहीं चाहता कोई
रुकना नहीं चाहता कोई
Shriyansh Gupta
Love is not about material things. Love is not about years o
Love is not about material things. Love is not about years o
पूर्वार्थ
गम के दिनों में साथ कोई भी खड़ा न था।
गम के दिनों में साथ कोई भी खड़ा न था।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरी तृष्णा
मेरी तृष्णा
Seema Verma
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
Iamalpu9492
कल को याद, भविष्य की बात
कल को याद, भविष्य की बात
Sonam Puneet Dubey
Loading...