“अकेलापन और यादें “
“अकेलापन और यादें ”
बरसात की बूंदों में खो जाता,
मन रंगीनी पाता,
तू न आया,
यादों के संग,
अकेलापन से गुजरा जाता।
वर्षा की रिमझिम में छुपी,
हमारी मुलाकातों की कहानी,
कविता की रूपरेखा में,
आँखों में बसी तू ही ख्वाहिश जवानी ।।
” पुष्पराज फूलदास अनंत “