Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2020 · 1 min read

अंबर क्यों पियूष कतरों को-लावणी छंद

अंबर क्यों पीयूष कतरों को, सहज भाव संजोता है ।
पलक झपकते नखत स्वाति में, पल भर में ही खोता है ।

टेर पपीहा करता है पर, प्यास न उसकी बुझती है।
अमी स्वाति की एक बूंद जो, जा सागर में मिलती है ।
आस सभी की मिट जाती है, प्यास फिर उमड़ आती है।
धवल चांदनी में खिलकर जब, कमल कली मुस्काती है ।

निमिष मात्र भी टेर प्यार का, क्यों अंबर में होता है ।
अंबर क्यों पीयूष कतरों को, सहज भाव संजोता है।

डा. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ”
प्रेम”
वरिष्ठ परामर्श दाता,
प्रभारी ब्लड बैंक
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।
9450022526(मोब)

Language: Hindi
Tag: गीत
407 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
योग तराना एक गीत (विश्व योग दिवस)
योग तराना एक गीत (विश्व योग दिवस)
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कितना भी आवश्यक या जरूरी काम हो
कितना भी आवश्यक या जरूरी काम हो
शेखर सिंह
ना धर्म पर ना जात पर,
ना धर्म पर ना जात पर,
Gouri tiwari
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
SHAMA PARVEEN
एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
Neeraj Agarwal
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
"चापलूसी"
Dr. Kishan tandon kranti
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
_सुलेखा.
☘☘🌸एक शेर 🌸☘☘
☘☘🌸एक शेर 🌸☘☘
Ravi Prakash
छल फरेब की बात, कभी भूले मत करना।
छल फरेब की बात, कभी भूले मत करना।
surenderpal vaidya
अर्थ  उपार्जन के लिए,
अर्थ उपार्जन के लिए,
sushil sarna
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
कवि दीपक बवेजा
गर्व की बात
गर्व की बात
Er. Sanjay Shrivastava
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
gurudeenverma198
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
Mahendra Narayan
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
Chunnu Lal Gupta
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
Phool gufran
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
Anil chobisa
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
Satish Srijan
देश हमारा
देश हमारा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
3330.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3330.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
Loading...