अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
तुम्हारी परछाई से ही पहचान लेंगे तुम्हे।
रहो तुम इस दुनिया में कही भी।
भले हो गई है आपकी शादी किसी और से।
किसी बस में कंडक्टर रेल में टीटीई बनकर।
शहर में मकान मालिक बनकर मिल जायेंगे तुम्हे।
RJ Anand Prajapati