अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
खिजां छाई हो पर एक फूल मुस्कुराया है
आनी है आएगी अमावस की रात आने भी दो
पुर्णिमा के चाॅ॑द को भला कौन रोकेगा
उसका दौर आएगा तो वह अवश्य ही मुस्कुराएगा
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
खिजां छाई हो पर एक फूल मुस्कुराया है
आनी है आएगी अमावस की रात आने भी दो
पुर्णिमा के चाॅ॑द को भला कौन रोकेगा
उसका दौर आएगा तो वह अवश्य ही मुस्कुराएगा