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27 Feb 2024 · 1 min read

अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है

अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
खिजां छाई हो पर एक फूल मुस्कुराया है
आनी है आएगी अमावस की रात आने भी दो
पुर्णिमा के चाॅ॑द को भला कौन रोकेगा
उसका दौर आएगा तो वह अवश्य ही मुस्कुराएगा

1 Like · 135 Views
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