अंधेरा अति प्यारा (गीत)
अंधेरा अति प्यारा (गीत)
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कभी उदासी अच्छी लगती , अंधेरा अति प्यारा
【 1 】
कभी चाहता शांत भाव से महामौन को गाऊँ
कभी न देखा जिसे पूर्णता में उसको पा जाऊँ
चटकीले रंगों में आना पड़े नहीं दोबारा
कभी उदासी अच्छी लगती , अंधेरा अति प्यारा
【 2 】
कभी चाहता किसी पेड़ के नीचे डालूँ डेरा
आधा हो जब चाँद गगन में देखूँ आधा घेरा
पाऊँ सुबह सूर्य के हाथों धवल चाँद को हारा
कभी उदासी अच्छी लगती अंधेरा अति प्यारा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451