Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2019 · 3 min read

“अंधविश्वास “

एक ही घर के कुल ग्यारह सदस्य जिसमें बच्चे भी सम्मिलित है न जाने किन अंधविश्वासों व आडम्बरों से ग्रस्त हो कर एक साथ काल के गाल में समा गये, कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया। यह ज्वलंत समाचार हमारे समक्ष उपस्थित है।यह तो मात्र एक उदाहरण है। आजकल तो अखबार व दूर दर्शन ऐसे समाचारों से अटे पड़े रहते हैं।
बिल्ली का रास्ता काटना, घर से निकलते समय छींक, जाते समय पीछे से टोकना, कांच का टूटना आदि ऐसे अनगिनत अंधविश्वास हैं जो हमारे रग-रग में समाए हुए हैं और समय समय पर स्वतः ही यंत्र चालित से हम इनके वशीभूत हो कर क्रियाएँ करते रहते हैं।

अंधविश्वास वह विष बेल है जो आज भारतीय जनमानस के अन्तर्मन में और कण-कण में विस्तृत हो कर अपनी गहरी जड़ें जमा चुकी हैं। आज स्थिति इतनी विकट है कि पग-पग पर हमें अंधविश्वासों से टकरा कर बढ़ना पड़ता है। यदि स्थिति यथावत रही तो वह दिन दूर नहीं जब जन-
जीवन में व्याप्त होती जा ये आदतें हमारी सामाजिक व्यवस्था की जड़ें खोखली कर देंगी।
समय रहते इन अंधविश्वासों पर लगाम कसना अत्यावश्यक हो गया है।

(1) मीडिया में कई ऐसे सीरियल्स डेली सोप निरन्तर दिखाए जा रहे हैं जो वास्तविकता से कोसों दूर असत्य व अंधविश्वास की नींव पर आधारित हैं। ऐसी चीजें अविलम्ब प्रतिबंधित की जानी चाहिए ।बच्चों के ऐसे सीरियल्स बंद किए जाने चाहिए जो झूठी चमत्कारिक कथाओं के द्वारा हमारी भावी पीढ़ी को दिग्भ्रमित करने का दुष्कृत्य
करके धनोपार्जन कर रहे हैं।

(2) .परिवार में अभिभावकों को चाहिए कि अंधविश्वासों के बजाय ठोस तथ्यों पर आधारित प्रथाओं परम्पराओं व रीति-रिवाजों से बच्चों को अवगत कराएं, उसकी शिक्षा दें तथा उससे संबंधित बाल सुलभ जिज्ञासाओं को सटीक सत्य की कसौटी पर रख कर उत्तर दे सकें जिससे वे संतुष्ट हों तथा भविष्य में लाभान्वित हों।

(3) स्वयं भी उन्हीं धार्मिक तथ्यों को अपने जीवन से जोड़ें जो कि सत्य तथ्यों पर आधारित हों और आप के क्रिया-कलाप
भावी पीढ़ी के लिए शिक्षाप्रद व अनुकरणीय होना चाहिए।

(4) अपने-अपने धर्म व मतानुरूप अपने धर्म स्थलों में अवश्य जाएं किन्तु वहाँ उपस्थित ढोंगी आडम्बरी व्यक्तियों या भिखारियों /फकीरों को व्यर्थ धन दान न करें जो आपके लिए “तेरा बेटा जुग जुग जिए”, “तेरी जोड़ी सलामत रहे”, “ऊपर वाला तुझे चाँद सा बेटा देगा”
जैसे लच्छेदार आशीषों से नवाज कर आप का पर्स खाली करवाने के लिए तत्पर रहते हैं।
दैनंदिनी जीवन में उन्हीं पारम्परिक बातों को
अपनाएं जो प्रायोगिक तौर पर सही सिद्ध हुई हैं।

(5) सदैव सजग और जागरूक हो कर जीवन जिएं ताकि अंधविश्वास के बलबूते पर कोई आप को बेवकूफ़ बना कर अनावश्यक परेशानी न दे सके। कालांतर में ये हमारी
सोच को नकारात्मक व इच्छा शक्ति को निर्बल बना देंगे।

अन्ततः मेरा आप सभी से अनुरोध है कि अंधविश्वासों से बचें, झांसेबाजों से बचें, ईश्वर पर पूर्ण आस्था व भरोसा रखें। शीघ्र व अच्छा परिणाम प्राप्ति की जल्दबाजी में अज्ञानियों की चपेट में आने से बचें। ईश्वर से अधिक या उससे बड़ा कोई नहीं। अतः हमारे जीवन में कोई चमत्कार या सुधार करेगा तो वह एकमात्र ईश्वर ही करेगा।
परमात्मा पर अटूट विश्वास,
सुदृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक सोच व सत्य और तथ्य परक बातों पर भरोसा, इन्हें ही अपने जीवन के लक्ष्य में सम्मिलित कीजिए । आडम्बरों व अंधविश्वासों से स्वयं बचिए व यथासंभव दूसरों को भी बचाइए ।

मेरे आलेख को समय देकर पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रंजना माथुर
जयपुर (राजस्थान)
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शादीशुदा🤵👇
शादीशुदा🤵👇
डॉ० रोहित कौशिक
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अब शिक्षा का हो रहा,
अब शिक्षा का हो रहा,
sushil sarna
यूँ तो सब
यूँ तो सब
हिमांशु Kulshrestha
मनुष्य की महत्ता...
मनुष्य की महत्ता...
ओंकार मिश्र
यही मेरे दिल में ख्याल चल रहा है तुम मुझसे ख़फ़ा हो या मैं खुद
यही मेरे दिल में ख्याल चल रहा है तुम मुझसे ख़फ़ा हो या मैं खुद
Ravi Betulwala
बात तो सच है सौ आने कि साथ नहीं ये जाएगी
बात तो सच है सौ आने कि साथ नहीं ये जाएगी
Shweta Soni
4214💐 *पूर्णिका* 💐
4214💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
Aarti sirsat
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
तुझसे लिपटी बेड़ियां
तुझसे लिपटी बेड़ियां
Sonam Puneet Dubey
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
चले चलो
चले चलो
TARAN VERMA
हिंदी भाषा
हिंदी भाषा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कुछ औरतें खा जाती हैं, दूसरी औरतों के अस्तित्व । उनके सपने,
कुछ औरतें खा जाती हैं, दूसरी औरतों के अस्तित्व । उनके सपने,
पूर्वार्थ
*अभिनंदन श्री अशोक विश्नोई जी ( दो कुंडलियाँ )*
*अभिनंदन श्री अशोक विश्नोई जी ( दो कुंडलियाँ )*
Ravi Prakash
दरिया का किनारा हूं,
दरिया का किनारा हूं,
Sanjay ' शून्य'
*हर दिन, हर रस, हर विधा,
*हर दिन, हर रस, हर विधा,
*प्रणय*
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
शेखर सिंह
खूब जलेंगे दीप
खूब जलेंगे दीप
surenderpal vaidya
मैं रूठूं तो मनाना जानता है
मैं रूठूं तो मनाना जानता है
Monika Arora
संगीत का महत्व
संगीत का महत्व
Neeraj Agarwal
नमन उस वीर को शत-शत...
नमन उस वीर को शत-शत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नियम
नियम
Ajay Mishra
बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
शिव स्तुति महत्व
शिव स्तुति महत्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...