अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां जाति- धर्म , ऊंच-नीच के बंधन से मुक्त , सामाजिक सौहार्द और सादगी के बीच, घर में बने पकवान के प्रसाद और मधुर गीतों के साथ लोग सीधा देवता से संवाद स्थापित करते है । जहां डूबते सूर्य को साक्षात् अर्घ्य दिया जाता है । छठ एक पर्व नहीं इमोशन है जज्बात है प्रेम है । यह हमें प्रकृति के प्रति समर्पण सिखाती है । आप सभी को छठ महापर्व की हार्दिक बधाई ।
~ब्रजनंदन(विमल)