अंदाज़े शायरी
भागती जिंदगी के मालिक , क्यों हो गए हम
खुद को लेकर बेपरवाह, क्यों हो गए हम l
अपने ही अस्तित्व को, क्यों भरमा रहे हम
गिर रहे, उठ रहे और फिर गिर रहे हम ll
भागती जिंदगी के मालिक , क्यों हो गए हम
खुद को लेकर बेपरवाह, क्यों हो गए हम l
अपने ही अस्तित्व को, क्यों भरमा रहे हम
गिर रहे, उठ रहे और फिर गिर रहे हम ll