अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
और गला छीलकर भी चीखने को आमदा है
पता नहीं मैं शब्द नहीं ढूंढ पा रही,
या इन हालातों के आगे बेबस होकर
शब्दों ने खुदकुशी कर खुद को किया लापता है।
-Shikha
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
और गला छीलकर भी चीखने को आमदा है
पता नहीं मैं शब्द नहीं ढूंढ पा रही,
या इन हालातों के आगे बेबस होकर
शब्दों ने खुदकुशी कर खुद को किया लापता है।
-Shikha