*अंतिम साँस आती है 【मुक्तक 】*
अंतिम साँस आती है 【मुक्तक 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
बिछड़ जाते हैं तन से प्राण ,अंतिम साँस आती है
कहाँ यमराज से लड़ देह कोई जीत पाती है
मरण संसार का शाश्वत नियम है जाना-पहचाना
चिता बनकर बिछोना अंत में सब को सुलाती है
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451