अंतर
एक ही दफ्तर में काम करने वाले हमउम्र पुरुष सहकर्मी महेश ने पैंतीस की उम्र पार कर चुकी महिला सहकर्मी अदिति के प्रति बहुत सहानुभूति पूर्ण स्वर में पूछा – तो तुम्हारी शादी नहीं हुई? अदिति उसकी ओर ध्यान से देखते हुए बोली – महेश जी हुई नहीं मत कहिये मैंने की नहीं ये बोलिए. ‘ महेश थोड़े उखड़े हुए स्वर में बोला – हुई नहीं, की नहीं क्या फर्क़ पड़ता है, मुद्दा तो यही है कि तुम अविवाहित हो.’ अदिति मुश्किल से अपने भावों को संभालते हुए बोली – महेश जी अविवाहित होना मुद्द नहीं है. मुद्दा है बेचारगी और आर्थिक आत्मनिर्भरता का. ‘ यह कहकर अदिति कुछ फाइलें लेकर बॉस के केबिन की ओर बढ़ चली.