अंतर मन की हलचल
तुम्हारे पास ही तो हूँ
ज़रा ख्याल करके देखो…!!
आँखों की जगह दिल का
इस्तेमाल करके देखो…..ll
हमसे तालुक रखोगे तो तबियत ठीक रहेगी
हम वो दोस्त है जो लफ्जों से इलाज करते हैं..
सुलगती रेत पर अब पानी की तलाश नहीं
मगर ये कब कहा हमने कि हमें
प्यास नहीं
समंदर जिगर में फिर भी अतृप्त प्यास है..
क्यूँ तड़फ प्रेम की अद्धभुत अहसास है..
मौसम विभाग ने तो आंधियों की बात की थी ..!! 🌦️
और – तुम तो बिजलियां गिराते हो ..!!
कभी तुम भी कुछ कह दिया करो
एक तरफ़ा सुनवाई तो अदालत भी नहीं मानती.
इजाजत तो हमने भी नही दी थी मोहबत करने की उन्हें
बस वोह नजर उठाते गये…और हम तबाह होते गऐ….!!
कार्तिक नितिन शर्मा