अंगारों को हवा देते हैं. . .
अंगारों को हवा देते हैं ….
गुनाह
स्याह रात में
पनाह लेते हैं//
नयन
दर्द को
अश्कों में बहा
देते हैं//
बहुत तड़पते हैं
जज़्बात दिल के
जब वो चिलमन
रुख्सार से हटा लेते है //
बड़ी अजीब है
ये मोहब्बत की दुनिया
दर्द के मसीहा ही
दर्द की दवा देते हैं//
हर ज़ख्म पर
नाम लिखा है जिनका
हम उनको ही
ज़ख्मों का हिसाब देते हैं//
जानते हैं तासीर
अंगारों की क्या होती है
जाने क्यूँ लोग
फिर भी
अंगारों को हवा देते हैं//
सुशील सरना/25-2-24