” अंकुशरहित मित्रता “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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मित्र बनला उपरांत संवादक आवश्यकता होइते छैक ! पहिने मित्र लोकनि समय निकाली एक दोसरा सं मिलइत छलाह ! विचारक आदान -प्रदान होइत छल ! यथायोग्य साधन अनुरूपेण सब गोटे खैलाइत छलाह ! कत्तो संगीत भ रहल अछि ,कत्तो गीत क धुन पर सब अपन -अपन गर्दनि हिला रहल छथि ! कुछु गोटे लागल छथि अपन विचारक आदान प्रदान में ! खेल कूद ,सिनेमा ,राजनीति सभक नवीन चर्चा सब दिन होइत छल ! इएह चर्चा सब हमर मित्रता कें प्रगाड़ बनवेत छल ! हमरा मे सहयोगक भावना अंगक सब कोण मे स्फुरित होइत रहित छल ! जखन कोनो सामाजिक कार्य भेल हमरा लोकनि कुदि पडैत छलहूँ ! आनंदित क्षण एक संगे बितवैत छलहूँ ! अखनो धरि ओहि क्षण कें बिसरि नहि सकलहूँ ! …..आब मित्रता अपन स्वरुप बदलय लागल ! आकाश मे हमर वैश्वयीक मित्रताक पताखा फहरा रहल अछि ! एक क्षण मे बना लिय मित्रक रेजिमेंट ! कपडा दोकान मे कपडा पसंद करू तखने कपडा खरीदू ! दरजी कें अपन स्टाइल कहि देल जाऊ ओ सलमान वा अभिताभ वाला परिधान बना देत ! सब चीज पसंद करू, परंच बिना निर्णय ,बिना बुझिने सूझने हम अनगिनत मित्र एके क्लिक मे बना सकैत छी ! इ कोन गप्प भेल ?…… बनलहूँ मित्र आ विचारक आदान प्रदान हेतु एकटा लक्ष्मण रेखा थोपी देल गेल ?…हमर टाइम लाइन एल० ओ० सी० भ गेल ! एहि पर सर्जिकल स्ट्राइक केलहुं त ‘विश्व युध्य ‘भ जायत ! गप्प करबा क अछि वा विचारक आदान प्रदान करबाक अछि त व्हात्साप अथवा मस्सेंजेरक माध्यमे आउ !……… मित्रता मे कोनो ‘आउट ऑफ़ बाउंड एरिया ‘ नहि होइत छैक ! हाँ ….एकटा बात अवश्य हमरा सबकें ध्यान रखबाक चाही … जे शिष्टाचार ,मृदुलता ,सौम्यता कें अपना लेखनी मे भरइत रहू ! मित्रता मात्र फोटो पोस्ट केने सं नहि होइत छैक ! हमरालोकनि एहि युग मे जखन मित्रता विश्व स्तर पर पहुंचि गेल त हम किया ‘कोप भवन ‘ सं बहार नहि निकलव् ?
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत