Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2021 · 1 min read

अँखिया में पानी

तुहरी अँखिया में पानी बुझाते न बा
पीर केतना सहीं हम, सहाते न बा

रोज चूवेले टुटही पलानी नियन
ई जिनिगिया के मड़ई छवाते न बा

उनके अँगुरी के मुनरी चनरमा भइल
हाथ केतनो बढ़ाईं, छुवाते न बा

कानि का उनका कहला में जादू रहल
बाति केतनो भुलाईं, भुलाते न बा

एक्को बड़की मछरिया न मीलल भले
घोलि एतना हिंडाइल, थिराते न बा

भागि हमरो बिधाता बनवले हवें
राहि केतनो चलीं हम, ओराते न बा

का कइल जाँ ‘असीम’ आस के नाइ में
छेद अइसन भइल की मुनाते न बा

© शैलेन्द्र ‘असीम’

1 Like · 263 Views

You may also like these posts

A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
पूर्वार्थ
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
*सर हरिसिंह गौर की जयंती के उपलक्ष्य में*
*सर हरिसिंह गौर की जयंती के उपलक्ष्य में*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ज़िंदा रहे यह देश
ज़िंदा रहे यह देश
Shekhar Chandra Mitra
कलमी आजादी
कलमी आजादी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कुण हैं आपणौ
कुण हैं आपणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
Ujjwal kumar
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
Dr. Man Mohan Krishna
"रविवार दो कर दे"
Dr. Kishan tandon kranti
भोर का दृश्य
भोर का दृश्य
surenderpal vaidya
भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण यह भी है की यह पर पूरी
भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण यह भी है की यह पर पूरी
Rj Anand Prajapati
चल अंदर
चल अंदर
Satish Srijan
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
Rituraj shivem verma
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
Rekha khichi
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
Ranjeet kumar patre
जो औरों के बारे में कुछ सोचेगा
जो औरों के बारे में कुछ सोचेगा
Ajit Kumar "Karn"
2909.*पूर्णिका*
2909.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
Ravikesh Jha
आफताब भी ख़ूब जलने लगा है,
आफताब भी ख़ूब जलने लगा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
G
G
*प्रणय*
*दिव्य दृष्टि*
*दिव्य दृष्टि*
Rambali Mishra
घनाक्षरी
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
गुरु
गुरु
Mandar Gangal
हार मैं मानू नहीं
हार मैं मानू नहीं
Anamika Tiwari 'annpurna '
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
Ravi Prakash
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
Bhupendra Rawat
मन का भाव
मन का भाव
Mahesh Jain 'Jyoti'
Loading...