Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2022 · 1 min read

یہ سوکھے ہونٹ سمندر کی مہربانی

یہ سوکھے ہونٹ سمندر کی مہربانی ہے.
جو میری پیاس بجھا دے کہاں وہ پانی ہے۔
❤️
وہ کھیلتا ہے سمندر کی لہر میں لیکن۔
عجیب پیاس ہے اسکی عجب کہانی ہے۔
❤️
وہ اپنے لہجے کو شاید بدل نہیں پایا۔
نئی شراب ہے بوتل مگر پرانی ہے۔
❤️
ظلم کو سہنا بھی ظالم کی ہے طرف داری۔
مجھے تو لگتا ہے خاموشیاں بے معنی ہے۔
❤️
وہ اپنی ذات میں یکتا ہے میرا مالک ہے۔
وحدہ؛ لا شریک اس کا کون ثانی ہے
❤️
ہماری آنکھ سے نیندیں بھی روٹھ کر اب تو۔
چلی گئی ہیں، تمہیں بات یہ بتانی ہے۔
❤️
کسے سناتے ہم حال دل تمہارے سوا۔
دفن ہے سینے میں پر درد یہ کہانی ہے۔
❤️
سمجھ وه جائے گا اس دل کی بے قراری کو۔
ہاں مگر سچ ہے یہی بات تو چھپانی ہے۔
❤️
راستے پیار کے ہم مانتے ہیں مشکل ہے۔
تعلقات تو ہر حال میں نبھانی ہے۔
❤️
صغیر چھوڑ گیا اس کو یاد کیا کرنا۔
نہ انتظار ہے آنکھوں میں اور نہ پانی ہے۔
❤️❤️❤️❤️❤️❤️

1 Like · 326 Views

You may also like these posts

"पर्दा"
Dr. Kishan tandon kranti
माटी
माटी
जगदीश लववंशी
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU SHARMA
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सच तो जीवन में शेड का महत्व हैं।
सच तो जीवन में शेड का महत्व हैं।
Neeraj Agarwal
क्या गुनाह है लड़की होना??
क्या गुनाह है लड़की होना??
Radha Bablu mishra
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
रेवा राम बांधे
वो भ्रम है वास्तविकता नहीं है
वो भ्रम है वास्तविकता नहीं है
Keshav kishor Kumar
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
मां शारदे
मां शारदे
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
4134.💐 *पूर्णिका* 💐
4134.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गीतिका
गीतिका
जगदीश शर्मा सहज
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
DrLakshman Jha Parimal
*कलमें इतिहास बनाती है*
*कलमें इतिहास बनाती है*
Shashank Mishra
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
ruby kumari
झूठों की मंडी लगी, झूठ बिके दिन-रात।
झूठों की मंडी लगी, झूठ बिके दिन-रात।
Arvind trivedi
पाँच हाइकु
पाँच हाइकु
अरविन्द व्यास
काश किसी को...
काश किसी को...
अमित कुमार
👍आज का एलान👍
👍आज का एलान👍
*प्रणय*
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
Rambali Mishra
*अच्छा रहता कम ही खाना (बाल कविता)*
*अच्छा रहता कम ही खाना (बाल कविता)*
Ravi Prakash
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
डॉ. दीपक बवेजा
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
Shweta Soni
आजादी...
आजादी...
Harminder Kaur
विचारवानों का कहना है कि सुख शांति से जीवन जीने के लिए मौन
विचारवानों का कहना है कि सुख शांति से जीवन जीने के लिए मौन
ललकार भारद्वाज
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
Anant Yadav
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
खिल गई  जैसे कली हो प्यार की
खिल गई जैसे कली हो प्यार की
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक मै था
एक मै था
Ashwini sharma
मानवीय मूल्य
मानवीय मूल्य
Nitin Kulkarni
Loading...