Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2021 · 1 min read

کیا کہوں آپنے

کیا کہوں آپنے کر دیا بے زَباں
کاش اب کوئی نا پھر رہے دَرْمِیاں

ہوش فاخْتَہ ہے آپکو دیکھکر
ڈھونڈتے ہو کہاں میرے نامونشاں

•••
— مہاویر اترانچلی

Language: Urdu
Tag: نظم
1 Like · 1 Comment · 373 Views
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all

You may also like these posts

बदलता भारत
बदलता भारत
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
शीर्षक -बिना आपके मांँ
शीर्षक -बिना आपके मांँ
Sushma Singh
3672.💐 *पूर्णिका* 💐
3672.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"अपेक्षाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
चमकते तारों में हमने आपको,
चमकते तारों में हमने आपको,
Ashu Sharma
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
shabina. Naaz
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
यादें....!!!!!
यादें....!!!!!
Jyoti Khari
#ऐसे_समझिए…
#ऐसे_समझिए…
*प्रणय*
प्रार्थना
प्रार्थना
राकेश पाठक कठारा
चाँद की मोहब्बत
चाँद की मोहब्बत
seema sharma
卐                🪔 🪷🪷 卐
卐 🪔 🪷🪷 卐
ललकार भारद्वाज
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
हार जाते हैं
हार जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
शीर्षक – वो कुछ नहीं करती हैं
शीर्षक – वो कुछ नहीं करती हैं
Sonam Puneet Dubey
एकतरफा प्यार
एकतरफा प्यार
Shekhar Chandra Mitra
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
Piyush Goel
स्त्री न देवी है, न दासी है
स्त्री न देवी है, न दासी है
Manju Singh
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
मनोज कर्ण
"बीच सभा, द्रौपदी पुकारे"
राकेश चौरसिया
#क्या सिला दिया
#क्या सिला दिया
Radheshyam Khatik
रहमत थी हर जान ,,,
रहमत थी हर जान ,,,
Kshma Urmila
अगर चुनौतियों को  ललकारने और मात देने की क्षमता नहीं है, तो
अगर चुनौतियों को ललकारने और मात देने की क्षमता नहीं है, तो
Sanjay ' शून्य'
"नंगे पाँव"
Pushpraj Anant
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
Neelam Sharma
अंतर्मन में खामोशी है
अंतर्मन में खामोशी है
दीपक झा रुद्रा
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
पूर्वार्थ
बिल्ली पर कविता -विजय कुमार पाण्डेय
बिल्ली पर कविता -विजय कुमार पाण्डेय
Vijay kumar Pandey
दूरियां
दूरियां
Manisha Bhardwaj
Loading...