बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
शब्द अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अन्तर्मन की विषम वेदना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
भरत मिलाप
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
नास्तिकों और पाखंडियों के बीच का प्रहसन तो ठीक है,
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
മനസിന്റെ മണ്ണിചെപ്പിൽ ഒളിപ്പിച്ച നിധി പോലെ ഇന്നും നിന്നെ ഞാൻ
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत.......
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी