■ परिहास
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/16acc2df3a6e1d52d397d539c2fcc67c_6f35e94e591ed01dd6ddf508119a6da7_600.jpg)
■ आज का शोध-
हास्य हमारे देश मे पग-पग पर बिखरा पड़ा है। यह अलग बात है कि दिखता किसी किसी को ही है।
【प्रणय प्रभात】
■ आज का शोध-
हास्य हमारे देश मे पग-पग पर बिखरा पड़ा है। यह अलग बात है कि दिखता किसी किसी को ही है।
【प्रणय प्रभात】