Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2023 · 1 min read

■ अटल सच…..

#भ्रम_मिटाए
■ न धूप अपनी, न छांव….
धूप और छांव शाश्वत हैं। जिनका अस्तित्व अनादिकाल से है। अनंतकाल तक रहना तय है। दोनों धरती पर बसने वाले प्रत्येक जीव के लिए है। मगर सच यह है कि अपने आंगन में आने वाली धूप-छांव अपनी होकर भी अपनी नहीं। ऐसे में संयोगवश मिलने वाले नश्वर जीवों को सिर्फ़ अपना मानना क्या स्वयं से छल नहीं। जब शाश्वत धूप-छांव आपके पास रहने के बाद आपकी नही तो नश्वर इंसानों से यह अपेक्षा क्यों…? चिंतन करें एक बार। सच समझ आने के बाद माया-मोह स्वतः क्षीण हो जाएगा। किसी के मिलने को केवल एक संयोग और सौभाग्य मानें। स्वामित्व का भ्रम भूल कर भी न पालें। सदैव प्रसन्न रहेंगे।।
【प्रणय प्रभात】

1 Like · 76 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
रखता पैतृक एलबम , पावन पुत्र सँभाल (कुंडलिया)
रखता पैतृक एलबम , पावन पुत्र सँभाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जीनगी हो गइल कांट
जीनगी हो गइल कांट
Dhirendra Panchal
"अहसासों का समीकरण"
Dr. Kishan tandon kranti
रमजान में....
रमजान में....
Satish Srijan
तुम मोहब्बत में
तुम मोहब्बत में
Dr fauzia Naseem shad
2305.पूर्णिका
2305.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुमसे मोहब्बत हमको नहीं क्यों
तुमसे मोहब्बत हमको नहीं क्यों
gurudeenverma198
बुरा समय था
बुरा समय था
Swami Ganganiya
नारी नारायणी
नारी नारायणी
Sandeep Pande
चाहने वाले कम हो जाए तो चलेगा...।
चाहने वाले कम हो जाए तो चलेगा...।
Maier Rajesh Kumar Yadav
Kalebs Banjo
Kalebs Banjo
shivanshi2011
... और मैं भाग गया
... और मैं भाग गया
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
अन्याय के आगे मत झुकना
अन्याय के आगे मत झुकना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तेरे दिल में कब आएं हम
तेरे दिल में कब आएं हम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
LOVE-LORN !
LOVE-LORN !
Ahtesham Ahmad
रिश्तों में परीवार
रिश्तों में परीवार
Anil chobisa
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
Ms.Ankit Halke jha
सात सवाल
सात सवाल
रोहताश वर्मा मुसाफिर
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
Rj Anand Prajapati
मुझे
मुझे "विक्रम" मत समझो।
*Author प्रणय प्रभात*
Desires are not made to be forgotten,
Desires are not made to be forgotten,
Sakshi Tripathi
बागों में जीवन खड़ा, ले हाथों में फूल।
बागों में जीवन खड़ा, ले हाथों में फूल।
सूर्यकांत द्विवेदी
चाहत है तो रुसवाई का इमकान बहुत है। हर शख्स दिल लगा के परेशान बहुत है।
चाहत है तो रुसवाई का इमकान बहुत है। हर शख्स दिल लगा के परेशान बहुत है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इजहार ए मोहब्बत
इजहार ए मोहब्बत
साहित्य गौरव
स्वार्थी नेता
स्वार्थी नेता
पंकज कुमार कर्ण
तलाश है।
तलाश है।
नेताम आर सी
💐प्रेम कौतुक-473💐
💐प्रेम कौतुक-473💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आज़ादी का जश्न
आज़ादी का जश्न
Shekhar Chandra Mitra
रंग हरा सावन का
रंग हरा सावन का
श्री रमण 'श्रीपद्'
आज फिर।
आज फिर।
Taj Mohammad
Loading...