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29 Apr 2018 · 1 min read

** ज़ख्म हंसते रहे **

ज़ख्म हंसते रहे पीर दिल में उठी
चीर जाये जो दिल टीस ऐसी उठी
एक तन्हा था मैं दर्देदिल सहता रहा
दील अपना था मगर दर्द पराया रहा
एक एकांत मैं दिल कराहता रहा
हंसते-हंसते मैं दर्देदिल सहता रहा
नहीं कोई है ग़म ये कहता रहा
तन्हा-तन्हा ये दिल सब सहता रहा
ज़ख्म हंसते रहे पीर दिल में उठी
चीर जाये जो दिल टीस ऐसी उठी
हंसते-हंसते मैं दर्देदिल अपना रहा
कहदूं किसको मैं अब दर्दे दिल
दिल भी अब, ना अपना रहा
मुझको अपना ले कोई अपना समझ
मेरे ग़म मेरे दर्देदिल को अपना समझ
ज़ख्म हंसते रहे पीर दिल में उठी
चीर जाये जो दिल टीस ऐसी उठी ||
मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 251 Views
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