हौसला
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दरख़्त देखती हूं, तो हौसला मिलता है,
पतझड़ में भी सीना तान कर खड़े हैं।
ख़ुद टूटकर भी बांटते रहे हैं ने’मतें,
इनके इरादे इनकी हदों से भी बड़े हैं।
-मोनिका
दरख़्त देखती हूं, तो हौसला मिलता है,
पतझड़ में भी सीना तान कर खड़े हैं।
ख़ुद टूटकर भी बांटते रहे हैं ने’मतें,
इनके इरादे इनकी हदों से भी बड़े हैं।
-मोनिका