हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
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हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
नैन तीर को कर गई, अश्कों से आबाद।
उसकी बैरी आहटें, लूटें दिल का चैन –
बाहों में ज़िंदा रहे, बाहों के उन्माद।
सुशील सरना/6-4-24
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
नैन तीर को कर गई, अश्कों से आबाद।
उसकी बैरी आहटें, लूटें दिल का चैन –
बाहों में ज़िंदा रहे, बाहों के उन्माद।
सुशील सरना/6-4-24