Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2016 · 1 min read

हर दफा वो ऊँगली हम पर ही उठाता कियुं है

बिठा के पलकों पर नजरों से गिराता क्यूं है
दाव ये सारे वो हम पर ही आजमाता क्यूं है
********************************
क्या हुआ जो एक बार हम खता कर बेठे
हर दफा वो ऊँगली हम पर ही उठाता क्यूं है
********************************
कपिल कुमार
05/08/2016

Language: Hindi
219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐प्रेम कौतुक-550💐
💐प्रेम कौतुक-550💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बनारस
बनारस
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
Success_Your_Goal
Success_Your_Goal
Manoj Kushwaha PS
"आया रे बुढ़ापा"
Dr Meenu Poonia
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
सूर्यकांत द्विवेदी
आत्मा शरीर और मन
आत्मा शरीर और मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
The Huge Mountain!
The Huge Mountain!
Buddha Prakash
गीत प्रतियोगिता के लिए
गीत प्रतियोगिता के लिए
Manisha joshi mani
सॉप और इंसान
सॉप और इंसान
Prakash Chandra
चाहती हूं मैं
चाहती हूं मैं
Divya Mishra
खिलौने भी तब मिले
खिलौने भी तब मिले
Satish Srijan
सफर ऐसा की मंजिल का पता नहीं
सफर ऐसा की मंजिल का पता नहीं
Anil chobisa
कवित्त छंद ( परशुराम जयंती )
कवित्त छंद ( परशुराम जयंती )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"मैं" का मैदान बहुत विस्तृत होता है , जिसमें अहम की ऊँची चार
Seema Verma
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
Rajesh vyas
कविता -दो जून
कविता -दो जून
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शर्द एहसासों को एक सहारा मिल गया
शर्द एहसासों को एक सहारा मिल गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
पुस्तक समीक्षा-----
पुस्तक समीक्षा-----
राकेश चौरसिया
आभरण
आभरण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िन्दगी का सफ़र
ज़िन्दगी का सफ़र
Sidhartha Mishra
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
इंदु वर्मा
I am a little boy
I am a little boy
Rajan Sharma
ख़ामोश निगाहें
ख़ामोश निगाहें
Surinder blackpen
■ वैचारिक भड़ास...!
■ वैचारिक भड़ास...!
*Author प्रणय प्रभात*
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
"अनमोल सौग़ात"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जब किसी बुजुर्ग इंसान को करीब से देख महसूस करो तो पता चलता ह
जब किसी बुजुर्ग इंसान को करीब से देख महसूस करो तो पता चलता ह
Shashi kala vyas
अगर किरदार तूफाओँ से घिरा है
अगर किरदार तूफाओँ से घिरा है
'अशांत' शेखर
Loading...