हर कसौटी पर उसकी मैं खरा उतर जाऊं………

हर कसौटी पर उसकी मैं खरा उतर जाऊं………
इंसान हूं मैं , खुदा तो नहीं…. !
कोई भी हो मर्ज मैं ही काम आऊ……….,
हमदर्द हु तेरा दवा तो नहीं….!
कवि दीपक सरल
हर कसौटी पर उसकी मैं खरा उतर जाऊं………
इंसान हूं मैं , खुदा तो नहीं…. !
कोई भी हो मर्ज मैं ही काम आऊ……….,
हमदर्द हु तेरा दवा तो नहीं….!
कवि दीपक सरल