हम लड़के हैं जनाब…
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हम लड़के हैं जनाब…
जिंदगी से हमारे हजार लफड़े हैं जनाब…
धूप हमें उतनी नही जला पाती….
जितनी कि जलाती है…
सरकारों की उदासीनता
आयोग की लेटलतीफी
और सिस्टम की नाकामी…
हम लड़के दुनिया भर से लड़ के.
तानों, उपहासों को दरकिनार करके
पढ़ते हैं.. जनाब
क्योंकि हम लडके हैं जनाब..
चाहे घर के पचासों काम हो या
स्कूल कॉलेज की टेंशन …
हमें संतुलन बनाना पड़ता है
एक पतली सी रस्सी पर …
सफ़लता और असफलता के सारे किस्से
अपने हिस्से ही पड़ते हैं जनाब
क्योंकि हम लडके हैं जनाब! !
क्योंकि हम लड़के हैं जनाब!!