Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2022 · 1 min read

सृष्टि रचयिता यंत्र अभियंता हो आप

सृष्टि रचयिता यंत्र अभियंता हो आप
प्रथम वास्तुकार वहां विश्व सृजन करता हो आप
ब्रह्मा जी के साथ मिलकर सृष्टि का निर्माण किया
मानव कल्याण के लिए अनेक यंत्र व शक्ति संपन्न
भौतिक साधनों का निर्माण किया
हे विश्वकर्मा आपने सब का बेड़ा पार किया

सोनल चौधरी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 68 Views
You may also like:
सच और हकीकत
सच और हकीकत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*सुबह से शाम तक कागज-कलम से काम करते हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*सुबह से शाम तक कागज-कलम से काम करते हैं (हिंदी...
Ravi Prakash
■ लघुकथा...
■ लघुकथा...
*Author प्रणय प्रभात*
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
#बाल-कविता- मेरा प्यारा मित्र
#बाल-कविता- मेरा प्यारा मित्र
आर.एस. 'प्रीतम'
मैं कहता आंखन देखी
मैं कहता आंखन देखी
Shekhar Chandra Mitra
Ek abodh balak
Ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझको तुम्हारा क्या भरोसा
मुझको तुम्हारा क्या भरोसा
gurudeenverma198
दोहा-*
दोहा-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
उमीद-ए-फ़स्ल का होना है ख़ून लानत है
उमीद-ए-फ़स्ल का होना है ख़ून लानत है
Anis Shah
सहरा से नदी मिल गई
सहरा से नदी मिल गई
अरशद रसूल /Arshad Rasool
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
आपकी यादों में
आपकी यादों में
Er.Navaneet R Shandily
“ हमारा फेसबूक और हमरा टाइमलाइन ”
“ हमारा फेसबूक और हमरा टाइमलाइन ”
DrLakshman Jha Parimal
जिस्म तो बस एक जरिया है, प्यार दो रूहों की कहानी।
जिस्म तो बस एक जरिया है, प्यार दो रूहों की...
Manisha Manjari
हकीकत से रूबरू होता क्यों नहीं
हकीकत से रूबरू होता क्यों नहीं
कवि दीपक बवेजा
✍️लबो ने मुस्कुराना सिख लिया
✍️लबो ने मुस्कुराना सिख लिया
'अशांत' शेखर
*** सागर की लहरें........!!! ***
*** सागर की लहरें........!!! ***
VEDANTA PATEL
चंद्र शीतल आ गया बिखरी गगन में चाँदनी।
चंद्र शीतल आ गया बिखरी गगन में चाँदनी।
लक्ष्मी सिंह
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पाखंडी मानव
पाखंडी मानव
ओनिका सेतिया 'अनु '
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
करिए विचार
करिए विचार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जय माँ जगदंबे 🙏
जय माँ जगदंबे 🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
वियोग
वियोग
पीयूष धामी
तपस्या और प्रेम की साकार प्रतिमा है 'नारी'
तपस्या और प्रेम की साकार प्रतिमा है 'नारी'
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
कल बहुत कुछ सीखा गए
कल बहुत कुछ सीखा गए
Dushyant kumar Patel
ख़्वाब कोई कहां मुकम्मल था
ख़्वाब कोई कहां मुकम्मल था
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-369💐
💐प्रेम कौतुक-369💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...