Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2022 · 1 min read

सुबह की एक किरण

सुबह की एक किरण,
भोर का संदेशा लाई !

रात काली थी मगर ,
देखो अजब सवेरा लाई !

चिड़िया का पहचाना ,
कोयल- राग सुनाना !

कल-कल करती नदियां ,
फूलों का खिल जाना !

नई उमंग नया सवेरा ,
नई – नई तरंग लाई !

नई ऊर्जा , नया है जुनून
मन में नया उत्साह लाई !

कहीं जेहन में दबे हुए
नए-नए वो स्वप्न आई !

सुबह की एक किरण,
भोर का संदेशा लाई !

✍कवि दीपक सरल

Language: Hindi
Tag: Poem
3 Likes · 132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लहज़ा गुलाब सा है, बातें क़माल हैं
लहज़ा गुलाब सा है, बातें क़माल हैं
Dr. Rashmi Jha
■ नहले पे दहला...
■ नहले पे दहला...
*Author प्रणय प्रभात*
दीपावली 🎇🪔❤️
दीपावली 🎇🪔❤️
Skanda Joshi
औकात
औकात
साहित्य गौरव
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
श्याम सिंह बिष्ट
💐प्रेम कौतुक-293💐
💐प्रेम कौतुक-293💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अजीब बात है
अजीब बात है
umesh mehra
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
डी. के. निवातिया
"भीमसार"
Dushyant Kumar
"मन भी तो पंछी ठहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
सफलता वही है जो निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण हो।
सफलता वही है जो निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण हो।
dks.lhp
वफादारी का ईनाम
वफादारी का ईनाम
Shekhar Chandra Mitra
दुनियां और जंग
दुनियां और जंग
सत्य कुमार प्रेमी
हर कभी ना माने
हर कभी ना माने
Dinesh Gupta
Mahadav, mera WhatsApp number save kar lijiye,
Mahadav, mera WhatsApp number save kar lijiye,
Ankita Patel
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कवि दीपक बवेजा
इतना तो अधिकार हो
इतना तो अधिकार हो
Dr fauzia Naseem shad
बदल लिया ऐसे में, अपना विचार मैंने
बदल लिया ऐसे में, अपना विचार मैंने
gurudeenverma198
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
Sakshi Tripathi
आखिर शिथिलता के दौर
आखिर शिथिलता के दौर
DrLakshman Jha Parimal
कभी गिरने नहीं देती
कभी गिरने नहीं देती
shabina. Naaz
मजदूर दिवस पर
मजदूर दिवस पर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अब हो ना हो
अब हो ना हो
Sidhant Sharma
उपहार
उपहार
Satish Srijan
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
उतर गया चढ़ा था जो आसमाँ में रंग
उतर गया चढ़ा था जो आसमाँ में रंग
'अशांत' शेखर
*
*"नमामि देवी नर्मदे"*
Shashi kala vyas
मानसिकता का प्रभाव
मानसिकता का प्रभाव
Anil chobisa
हुनर पे शायरी
हुनर पे शायरी
Vijay kumar Pandey
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
Loading...