सर्द हवाएं
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थोड़ी सर्द हवाओं में एक राह पर हम जाते हैं
फिर एक मोड़ पर थोड़ा ठहर हम जाते हैं
तकते हैं कुछ देर को अम्बर को
फिर तारों संग बतियाते हैं
थोड़ी सर्द हवाओं में एक राह पर हम जाते हैं
ये सर्द हवाओं के झोंके कितने है अनोखे
भला क्यों इनको ऐसे जानें दे
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)