Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2016 · 1 min read

समय

समय बदलते देर न लगती,
क्यों खोवे है आस ?
नव प्रभात फिर से आवेगा,
रख रे ऐसी आस ।
जब झेलेगा सिर पर अपने,
श्रम-घन की तू मार।
अवधूत तभी सुख का सूरज,
दे सकेगा उजास ।

Language: Hindi
411 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ह्रदय है अवसाद में
ह्रदय है अवसाद में
Laxmi Narayan Gupta
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
#संस्मरण #भारत_भूषण #मेरठ
#संस्मरण #भारत_भूषण #मेरठ
Ravi Prakash
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कवि रमेशराज
नज़र
नज़र
Shakuntla Shaku
लहर आजादी की
लहर आजादी की
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मस्तमौला फ़क़ीर
मस्तमौला फ़क़ीर
Shekhar Chandra Mitra
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
✍️✍️✍️✍️
✍️✍️✍️✍️
शेखर सिंह
सैनिक का खत।
सैनिक का खत।
Abhishek Soni
3659.💐 *पूर्णिका* 💐
3659.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
मत कर गीरबो
मत कर गीरबो
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
# होड़
# होड़
Dheerja Sharma
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
Manju sagar
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
singh kunwar sarvendra vikram
महाकाल का आंगन
महाकाल का आंगन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं  तेरी  पनाहों   में  क़ज़ा  ढूंड  रही   हूँ ,
मैं तेरी पनाहों में क़ज़ा ढूंड रही हूँ ,
Neelofar Khan
हिज्र में रात - दिन हम तड़पते रहे
हिज्र में रात - दिन हम तड़पते रहे
Dr Archana Gupta
#आधार
#आधार
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
শিবের কবিতা
শিবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
बचपन लोटा दो
बचपन लोटा दो
पूर्वार्थ
" इकरार "
Dr. Kishan tandon kranti
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गाँव भइल आखाड़ा
गाँव भइल आखाड़ा
आकाश महेशपुरी
अहंकार
अहंकार
Rambali Mishra
माँ - सम्पूर्ण संसार
माँ - सम्पूर्ण संसार
Savitri Dhayal
"नारियल खोपड़ी से टकराए या खोपड़ी नारियल से, फूटना खोपड़ी को ही
*प्रणय*
Loading...